मुकाम जिंदगी में कई बनाते चले गए।
लेकर हँसी चेहरे पर सारे गम भूलाते चले गए।
रोका कई लकीरो ने इस दुनिया की हमको।
पर बढ़ते गए उन लकीरो को मिटाते चले गए।
दिल में लिए हम उम्मीदों का फलसफा,
उम्मीदों पर हम घर अपना बनाते चले गए।
राह पर मिले लोगो से हमको कई जखम,
पर उनपर हम प्यार की मरहम लगाते चले गए।
किसी ने हमको डांटा, किसी ने दुलारा,
दिल की खुशी, चेहरे पे मुस्कुराते चले गए।
जब पड़ी अपनो पर धूप की कोई कहर,
हम रास्तो पे पेड़ो की छांव बिछाते चले गए।
दिल किया छू लू तारों की ये चमक,
रातों को अपना दिन और दिनों को रात बनाते चले गए।
मुकाम जिंदगी में कई बनाते चले गए।
लेकर हँसी चेहरे पर सारे गम भूलाते चले गए।
Wah wah wah...
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